कल हम चर्चा कर रहे थे की छोटानागपुर के लिए विशेष "छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम " है जिसके कई धारा यहाँ की भूमि के खरीद - बिक्री से सम्बंधित है ...................वर्तमान सम्पूर्ण झारखण्ड में खास कर छोटानागपुर क्षेत्र में जहाँ यह एक्ट प्रभावित है ...आज - कल इस एक्ट की धारा 46 चर्चा में है क्योंकि धारा 46 में जहाँ यहाँ की अनुसूचित जनजाति की भूमि के लिए एक ही थाना क्षेत्र के खरीददार का होना एव अनुसूचित जनजाति का होना जरुरी है वही इसी धारा में यहाँ के अनुसूचित जाति की भूमि के खरीद - बिक्री के लिए सम्बंधित जिले का निवासी एव अनुसूचित जाति का होना तथा BC CLASS की भूमि खरीद - बिक्री के लिए भी BC CLASS का एव सम्बंधित जिले का होना जरुरी है ........और भूमि के खरीद - बिक्री के लिए जिला उपायुक्त से भूमि खरीद - बिक्री के पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है ........ वैसे तो इसे पढने पर कोई विशेष बात नहीं दिखाई पड़ती है परन्तु अब हम यह कहे की सम्पूर्ण छोटानागपुर क्षेत्र में उपरोक्त अधिनियम का उल्लंघन किया गया है तो इधर ध्यान चला जाता है .......वर्षों से छोटानागपुर क्षेत्र में इस अधिनियम का उल्लंघन होता रहा ....सम्पूर्ण छोटानागपुर क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए तो उपायुक्त की अनुमति तो ली जाति रही पर अनुसूचित जाति एव BC क्लास के लिए उपायुक्त से कोई अनुमति प्राप्त नहीं की गई यहाँ तक की अनुसूचित जाति एव BC क्लास की जमीने अन्य वर्ग के लोगों ने खरीद ली वह भी रजिस्ट्री ऑफिस से बजाप्ता रजिस्ट्री करवा कर ,सरकार द्वारा तय निर्धारित मूल्य का स्टाम्प ड्यूटी चूका कर ......ऐसे भूमि का सम्बंधित अंचल में दाखिल ख़ारिज भी हो गया ........अब सरकार की नींद टूटी है झारखण्ड हाई कोर्ट के आदेश पर जहाँ कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया की किसी भी कानून को अध्यादेश से या फिर आदेश से समाप्त नहीं किया जा सकता ..............इस स्थिति में सरकार के समक्ष अजीब सी स्थिति पैदा हो गई है......की क्या करे ........खुद कई सरकारी नौकर शाह भी इस तरह की भूमि को खरीद चुके है ............... झारखण्ड के भू - राजस्व मंत्री ने भी इस पर कड़े कदम उठाने के संकेत दिए है जिसे इस लिंक में आप देख सकते है http://epaper.prabhatkhabar.com/newsview.aspx?eddate=1/28/2012 12:00:00 AM&pageno=1&edition=9&prntid=20159&bxid=29842120&pgno=1
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