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बुधवार, 15 जुलाई 2009

मिलावट का धंधा

मुझे लगता है की हम लोग धीरे-धीरे विनाश की तरफ बढ़ते जा रहे है, हम मनुष्य का लालचपन ही हमारा विनाश का कारण बनेगा अभी-अभी इंडिया टी वी पर न्यूज़ में देखा की विदेशी सेव जिसकी कीमत बाज़ार में १४० रूपये किलो है उसके उपरी परत पर मोम लगा हुआ है जो स्वस्थ्य की लिए हानिकारक है, हमारे बाज़ारों में मिलने वाली हरी सब्जियां भी आजकल दवाओं के द्वारा पकाई और पैदा की जा रही है जिसमे हानिकारक कीटनाशक दवाओं का प्रयोग किया जाता है,चावल में पोलिश कर हानिकारक रसायन मिलाया जा रहा है घी,हल्दी,मसाला सभी खाद्य पदार्थों में मिलावट मानव के उपयोग के लिए जानलेवा है ये मिलावटी खाद्य पदार्थ जिसमे मिश्रित हानिकारक रसायन धीरे-धीरे मनुष्य को कमजोर कर रही है और हमारी सरकार सोयी हुई है जबकि मिलावटी खाद्य को पकड़ने की लिए सरकारी विभाग है परन्तु विभाग कर्मियों की लापरवाही मिलावटी के रोज़गार को बढावा दे रही है जिसके वज़ह से सारे देश में मिलावट का धंधा खूब चल रहा है

2 टिप्‍पणियां:

  1. अरे सर, आगरा आइये क्यौंकी हर मिलाफ़ट का हैडक्वाटर तो यहां पर है...आपको सब कुछ मिलावटी मिलेगा

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  2. काशिफ भाई
    मुझे लगता था की हमारे शहर में एशिया का सबसे बड़ा पागलखाना है और उधर से चलने वाली हवा के कारण कुछ लोगों के दिमाग का नस ढीला हो गया होगा जिससे ये पूरी मानव जाति का नुकसान करने को तुले है और आपने भी आगरा का ज़िक्र कर ही दिया ये मिलावटी ब्यापारी शायद ये भूल जाते है की इन्हें भी वही मिलावटी खाना मिलेगा जिसे ये परोस रहे है इनके बच्चे भी वही खायेंगे जैसा बोएँगे वैसा ही पाएंगे

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