LATEST:


विजेट आपके ब्लॉग पर

रविवार, 3 मई 2009

आओ इस गर्मी का आनंद लें




आप कल्पना करते होंगे सर्दी के मौसम में धुप की, गर्मी के मौसम में छाया, ठंढी हवा की पर क्या आपने कभी इन दिनों हो रहे तपिस ......गर्मी का आनंद लिया है .नहीं ना ... आप गर्मी से मत घबराइये........ आनंद ले ,मौसम का आनंद ....आपने द्वारा प्राकृतिक से छेड़छाड़ करने ,नदी -नालों को बंद कर उस पर घर बना कर रहने ,पेड़ -पौधों को काटने ,तालाब को समतल मैदान बनाने धरती माता के शरीर में छेद बोरिंग कर धरती के अन्दर के पानी को बाहर निकल निर्दयतापूर्वक ख़त्म करने का आनंद का ही तो दूसरा नाम सूर्य देवता की प्रचंड प्रकोप है ये गर्मी ............उफ़ ये गर्मी ..............हाये ये गर्मी ........ ये मेरे ही शहर का नहीं पुरे देश का यही हाल है ..........कभी मेरा शहर दूसरा शिमला के नाम से जाना जाता था ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी हमारी रांची, आज सिर्फ़ राजधानी है और हमलोग राजधानी की कीमत चुका रहें है अचानक आए बढती जनसँख्या ,आबादी के साथ गाड़ियों के द्वारा फैलते प्रदुषण, हरे भरे जंगलों की जगह कंक्रीटों के उग आए नए आसियाने जिसे गर्व से हम मनुष्य फ्लैट कहते है जिधर देखो उधर नज़र आयेंगे ये नये जंगल ..............और इस जंगल बनाने की कीमत है.... धरती को छेद कर धरती के नसों में बहने वाले लहू यानि हमें जिंदा रखने वाली बेशकीमती अमृत ज़ल,पानी water या हम जो भी नाम दें निकाल लेना, बहा देना उस वक्त हम कल्पना भी नहीं करते की ये अमृत है परन्तु आज जब गर्मी चरम पर है तो हम उसी पानी के लिए तरस रहें है ......... हमारा शहर जहाँ पारा ३७ डिग्री पार करते ही वर्षा होना था गर्मी के दिनों में भी रात को सोते समय चादर की ज़रूरत पड़ती थी आज हम ४३ डिग्री पारे का आनंद ले रहे है या यों कहे की भुगत रहें है तो कोई अतिशोक्ति नहीं होगी ..........बड़ा मज़ा आ रहा है न तो दिन में चैन न ही रातों को ठीक से नींद आती है और ये गर्मी कहती है की बेटा या तो आनंद तो या फ़िर भुगतो हम तो गर्मी का आनंद ले रहें है आप क्या कर रहें है ...?

1 टिप्पणी: