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सोमवार, 2 नवंबर 2015

जीने का अपना अपना फंडा

ज़िंदगी क्या है 
बस 
जीने का तरीका है 
कोई दुखी है 
तो 
कोई सुखी है 
दुखी कौन है 
तो सब दुखी है 
फिर 
सुखी कौन है 
तो सुखी सभी है 
फिर 
बस , जीने का अपना अपना फंडा है 
कहीं कलम है तो 
कहीं डंडा है 

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