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बुधवार, 11 मार्च 2009

महंगाई और होली


महंगाई के रंग ने
कपड़े डालें फाड़
बची
लंगोटी
छिपाई
इज्ज़त
पर बोली महंगाई
कहाँ भागते हो भाई
मेरी नज़र है
तुम्हारी लंगोटी पर
अगली होली
फ़िर आऊंगा
इसको भी
उतार कर
ले जाऊंगा