कल यानि १५ जुलाई को झारखण्ड के राज भवन के बिरसा मंडप में माननीय राजपाल महोदय के द्वारा 'जनता दरबार' का आयोजन किया गया,राज्य के लगभग सभी बड़े अधिकारी इसे सफल बनाने के लिए वहां मौजूद थे परन्तु आज के अख़बारों को हम यदि देखे तो पाते है की किसी भी फरियादी का कोई भी फरियाद तत्काल जनता दरबार में सुनवाई नहीं हुआ राज्यपाल महोदय द्वारा स्वय फरियादियों से उनके पास जाकर आवेदन लिए गए, सभी आवेदन पर ७ दिनों के अन्दर करवाई करने को कहा गया. अब सवाल ये उठता है की क्या वाकई ७ दिनों के अन्दर सचमुच करवाई हो जायेगी, क्या सरकारी तंत्र का घोड़ा इतनी तेज़ दौड़ पायेगा ये तो ७ दिनों के बाद ही पता चलेगा परन्तु एक सवाल बारबार मेरे मन में उठता है की समूचे सरकारी तंत्र के मौजूद होने के बाद भी ७ दिन या ७ घंटे क्यों,सारा विभाग वहीँ है तो तुंरत निबटारा क्यों नहीं. न्याय और आस लेकर बड़ी दूर - दूर से लोग खाली पेट आते है, घंटो इंतजार करते है की मेरी समस्या सुनी जायेगी मुझे न्याय मिलेगा पर बस वे और उनकी समस्या या कभी उनके फोटो अख़बारों में छप कर सिमित हो जाते है नाम जनता दरबार होता है जनता आस लागए आते है और निरास होकर जाते है
गुरुवार, 16 जुलाई 2009
जनता दरबार
बुधवार, 15 जुलाई 2009
मिलावट का धंधा
मुझे लगता है की हम लोग धीरे-धीरे विनाश की तरफ बढ़ते जा रहे है, हम मनुष्य का लालचपन ही हमारा विनाश का कारण बनेगा अभी-अभी इंडिया टी वी पर न्यूज़ में देखा की विदेशी सेव जिसकी कीमत बाज़ार में १४० रूपये किलो है उसके उपरी परत पर मोम लगा हुआ है जो स्वस्थ्य की लिए हानिकारक है, हमारे बाज़ारों में मिलने वाली हरी सब्जियां भी आजकल दवाओं के द्वारा पकाई और पैदा की जा रही है जिसमे हानिकारक कीटनाशक दवाओं का प्रयोग किया जाता है,चावल में पोलिश कर हानिकारक रसायन मिलाया जा रहा है घी,हल्दी,मसाला सभी खाद्य पदार्थों में मिलावट मानव के उपयोग के लिए जानलेवा है ये मिलावटी खाद्य पदार्थ जिसमे मिश्रित हानिकारक रसायन धीरे-धीरे मनुष्य को कमजोर कर रही है और हमारी सरकार सोयी हुई है जबकि मिलावटी खाद्य को पकड़ने की लिए सरकारी विभाग है परन्तु विभाग कर्मियों की लापरवाही मिलावटी के रोज़गार को बढावा दे रही है जिसके वज़ह से सारे देश में मिलावट का धंधा खूब चल रहा है
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